ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की फसल बर्बाद

जगदीशपुर (अमेठी)। क्षेत्र में शुक्रवार से लेकर रविवार तक रुक-रुक कर हुई मामूली बरसात व ओले पड़ने के बाद सोमवार रात एक बार फिर तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे जहां बड़ी संख्या में किसानों की गेहूं, सरसों, मटर व आलू के अलावा सब्जी की खेती बर्बाद हो गई वहीं कई गांवों में किसान रात भर खेतों में मौजूद रहकर पानी निकालने की जुगत में लगे रहे। इधर, मौसम में आए बदलाव से ठंड एक बार फिर बढ़ गई।


 

क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से न सिर्फ रुक-रुक कर बारिश हो रही है बल्कि ओले भी पड़ रहे हैं। शुक्रवार, शनिवार व रविवार को हुई बरसात के बाद सोमवार रात तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इस बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। क्षेत्र के कई गांवों में अगेती गेहूं की फसल खेत में पलट गई है तो दलहनी व तिलहनी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
गेहूं की पिछेती खेती करने वाले किसानों और आम के पेड़ धुल जाने से लोगों को फायदा भी मिला है। किसान श्री प्रकाश तिवारी की मानें तो गेहूं की अगेती फसल बोने वाले किसानों के गेहूं खेत में गिरने व सरसों, अरहर, चना, मसूर, मटर जैसी दलहनी व तिलहनी फसलों के फूल झड़ जाने से हजारों किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
इन गांवों में हुआ ज्यादा नुकसान
बारिश व ओलावृष्टि का केंद्र थौरी, पिछूती, देवकली, रानीगंज, अलमापुर, निसूरा, मंगौली, डोमाडीह, जलालपुर तिवारी, निहालगढ़ चकजंगला, सिधियावा समेत दर्जनों गांव रहे। बारिश व ओलावृष्टि से कई और गांवों के किसानों के प्रभावित होने की बात कही जा रही है।
फायदा कम, नुकसान ज्यादा
कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि बारिश से फायदा-नुकसान दोनों है। जहां ओले पड़े वहां के तिलहनी फसलों के फूल गिरने से नुकसान हुआ लेकिन जहां सिर्फ बरसात हुई वहां दलहनी व तिलहनी फसलों को फायदा हुआ। उन्होंने बताया कि अत्यधिक नमी के कारण हवा चलने पर फसलों के गिरने से दाने में पीलापन आने का खतरा है।
पूरी तरह बर्बाद हुई सब्जी की खेती
मंगौली के उदयभान मौर्य, रामलाल, रामभवन मौर्य, शांति देवी, निसूरा के दयाराम, लखनीपुर के विश्राम, पूरब गांव के केशव राम मौर्य व पश्चिम गांव के राममिलन मौर्य आदि सब्जी की खेती (मटर] तोरई, भिंडी, ककड़ी, खीरा, गोभी, टमाटर, मिर्ची प्याज) करते हैं। इन लोगों की मानें तो रविवार रात हुई बारिश व ओलावृष्टि ने सब्जी की खेती को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।
ईंट व्यवसाय भी हुआ चौपट
रविवार रात हुई झमाझम बारिश से क्षेत्र के ईंट भट्ठा व्यवसायी भी पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। बरसात होने से भट्ठा परिसर में पानी भर गया और पाथ कर रखी गई कच्ची ईंट मिट्टी के ढेर में तब्दील हो गई। भट्ठा मालिकों की मानें तो उनका भारी नुकसान हुआ है।
जामों में भी बारिश से फसलें बर्बाद
जामों। क्षेत्र में सोमवार रात तेज बारिश व ओला पड़ने से रबी की फसलों को भारी नुकसान हुआ। ओला पड़ने से क्षेत्र के लालगंज पूरे शुक्लन उमरपुर खुटहना समेत एक दर्जन गांव में किसान बर्बाद हो गए। किसानों की मटर, आलू, सरसों, मसूर समेत दलहनी एवं तिलहनी फसलें नष्ट हो गईं। किसान अपनी उपज के लिए चिंतित नजर आ रहे हैं।